ब्लॉग से पोस्टों की चोरी
आजकल लोग ब्लॉग से पोस्टों की चोरी कर,उसे अपने ब्लॉग और साइट पर अपने नाम से प्रकाशित कर सस्ती लोकप्रियता पाना चाहते हैं। कुछ ऐसा ही काम किया है,एक सम्मानित संस्था 'राष्ट्रभाषा प्रचार समिति' के नाम से स्थापित साइट/ब्लॉग ने, जिसमें किसी Author: chandansenji ने 'बूंद-बूंद इतिहास'से तीन पूरी पोस्टें लेकर प्रकाशित की हैं, बिना किसी संदर्भ, लिंक या ब्लॉग का उल्लेख किए।
हम ऐसे सभी ब्लॉग/साइट्स का पुरजोर विरोध दर्ज करते हैं, जो किसी भी ब्लॉग से,किसी रचना को चोरी करकेअपने ब्लॉग/साइट पर किसी अन्य नाम से प्रकाशित करते हैं।
उक्त चंदनसेनजी ने तो राष्ट्रभाषा प्रचार समिति,वर्धा जैसी प्रतिष्ठित संस्था का नाम बदनाम किया है। जो मेरी निम्न तीन पोस्टों को हुबहु अपने नाम से प्रकाशित किया है।
01. हिंदी साहित्य का स्वर्णिम युग ( 14 जुलाई 2010 को 'बूंद-बूंद इतिहास' पर प्रकाशित)
02. रीतिकाल की प्रवृतियाँ या विशेषताएँ ( 08 जनवरी 2011 को 'बूंद-बूंद इतिहास' पर प्रकाशित)
03. रीतिकाल की परिस्थितियाँ ( 12 जनवरी 2011 को 'बूंद-बूंद इतिहास' पर प्रकाशित)
उक्त वेबसाइट का लिंक नीचे दे रहा हूँ।
सभी ब्लॉग पाठकों से अनुरोध है कि वे इस प्रकार की रचना/कृति चोरी का पुरजोर विरोध दर्ज करें।
यहां चोर-उचक्के तो घूमते ही रहते हैं. अपने ब्लाग की सामग्री को कट/कापी प्रूफ बनाना एक सीमित उपाय है.
जवाब देंहटाएंइन दिनों चोरी का मौसम चल रहा है.. ऐसे कमीने लोगों की निंदा करते हैं हम..
जवाब देंहटाएंaisa karya nahi hona chahiye...
जवाब देंहटाएंअब तो वह वैबसाइट ही ग़ायब दिख रही है।
जवाब देंहटाएंसस्ती लोकप्रियता का ओछा तरीका..! निश्चय ही यह छिछोरापन है. मुन्नाभाई बनने में शर्म भी नहीं आती इनको. कितनी भी होशियारी कर ले किंतु एक-न-एक दिन चोर चौराहे पर नंगा जरूर होता है.
जवाब देंहटाएंPlagiarism ki baat parh kar bahut bura laga.
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