कृष्णभक्ति को समर्पित अन्य कवि
इस युग में कृष्ण भक्ति को समर्पित कुछ अन्य कवि भी हुए, जिसे किसी विचारधारा के अंतर्गत नहीं रखा जा सकता । जैसे मीरा, रहीम, रसखान । मीरा हिंदी की श्रेष्ठ भक्त कवयित्री है । इनकी भक्ति को हम सगुण-निर्गुण में नहीं रख सकते । वे तो कृष्ण-प्रेम में इतनी तल्लीन हो जाती थी, कि उन्हें अपने तन की भी सुध नहीं रहती थी । जैसी साधना, तन्मयता, सरलता,विरह-वेदना, प्रेम की पीड़ा मीरा के पदों में मिलती है, वैसी हिंदी साहित्य में अन्यत्र कहीं नहीं । मीरा बाई के नाम से निम्नलिखित सात रचनाएँ मिलती हैं : 1. नरसी जी रो माहेरी 2. गीत-गोविंद की टीका 3. मीराबाई की मलार 4. राग-गोविंद 5. सोरठ के पद 6. मीरानी 7. मीरा के पद । इन रचनाओं में से मीरा की पदावली को ही विद्वान प्रामाणिक मानते हैं । उनके ये गीत ब्रज, राजस्थानी और गुजराती भाषाओं में मिलते हैं । रहीम : रहीम का पूरा नाम अब्दुर्रहीम खानखाना था । ये सम्राट अकबर के संरक्षक मुगल सरदार बैरमखाँ के पुत्र थे । अरबी और फारसी के अतिरिक्त रहीम संस्कृत के दिद्वान थे और हिंदी कविता में इनकी विशेष रुचि थी । सम्राट के नवरत्नों में इनकी गिनती होती थी । अकबर के समय में ये प्...