सगुण भक्ति धारा की रामभक्ति शाखा के कवि और उनकी रचनाएँ
रामकाव्य का आधार संस्कृत राम-काव्य तथा नाटक रहे । इनमें बाल्मीकि-रामायण, अध्यात्म-रामायण, रघुवंश, उत्तररामचरित, हनुमन्नाटक, प्रसन्नराघव नाटक, बाल रामायण,विष्णु-पुराण, श्रीमद्भागवत, भगवद्गीता आदि उल्लेख्य हैं । इस काव्य परम्परा के सर्वश्रेष्ठ कवि महाकवि तुलसीदास हैं । किंतु हिंदी में सर्वप्रथम रामकथा लिखने का श्रेय विष्णुदास को है ; इस काव्य धारा के कवियों और उनकी रचनाओं का उल्लेख नीचे दिया गया है : -
- तुलसीदास : इनके कुल 13 ग्रंथ मिलते हैं :-1. दोहावली 2. कवितावली 3. गीतावली 4.कृष्ण गीतावली 5. विनय पत्रिका 6. राम लला नहछू 7.वैराग्य-संदीपनी 8.बरवै रामायण 9. पार्वती मंगल 10. जानकी मंगल 11.हनुमान बाहुक 12. रामाज्ञा प्रश्न 13. रामचरितमानस
- विष्णुदास : 1.रुक्मिणी मंगल 2. स्नेह लीला
- ईश्वरदास : 1.भरतमिलाप 2. अंगदपैज
- नाभादास : 1. रामाष्टयाम 2. भक्तमाल 3. रामचरित संग्रह
- अग्रदास :1.अष्टयाम 2. रामध्यान मंजरी 4.हितोपदेश या उपाख्यान बावनी
- प्राणचंद चौहान :1. रामायण महानाटक
- ह्रदयराम :1.हनुमन्नाटक 2. सुदामा चरित 3. रुक्मिणी मंगल ।
तुलसीदास की रचनाओं का संक्षिप्त परिचय :
- दोहावली : इसमें नीति, भक्ति, राम-महिमा तथा नाम-माहात्म्य विषयक 573 दोहे हैं ।
- कवितावली : इस रचना में कवित्त, सवैया,छप्पय आदि छंदों में रामायण की कथा सात कांडों में कही गई है, पर यह सर्वत्र क्रमबद्ध नहीं है, अत: संग्रह- रामकथा ठहरती है ।
- गीतावली : गीतावली में रामकथा को गीतिशैली में कहा गया है । इसमें सात कांड तथा 328 पद हैं ।
- कृष्ण-गीतावली : इसमें कृष्ण महिमा की कथा 61 पदों में है । ब्रजभाषा में कृष्ण-लीला का सुंदर गान किया गया है । कृष्ण की बाल्य-अवस्था एवं गोपी-उद्धव संवाद के प्रसंग कवित्व की दृष्टि से उत्तम बन पड़े हैं ।
- विनय पत्रिका : तुलसी के साहित्य में रामचरितमानस के उपरान्त विनय-पत्रिका का स्थान है । यह पत्रिका रूप में प्रस्तुत की गई है । इसमें राम के सम्मुख हनुमान के मुख से विनय के पद हैं । कवि के भक्ति, ज्ञान, वैराग्य तथा संसार की असारता आदि से संबंधित उद्गार अत्यन्त मार्मिक हैं । यह रचना ब्रज भाषा में है । इसमें कवि का पांडित्य, वाक्-चातुर्य तथा उक्ति-वैचित्र्य सभी कुछ देखने को मिलता है ।
- रामलला नहछू : यह राम जनेऊ (यज्ञोपवीत ) के अवसर को ध्यान में रखकर लिखा गया है । इसमें कुल 20 छंद हैं ।
- वैराग्य-संदीपनी : इसमें संत महिमा का वर्णन है । यह कवि की प्रारम्भिक रचना प्रतीत होती है, जिसमें उनका झुकाव संत मत की ओर था । 62 छंदों में राम-महीमा, ज्ञान-वैराग्य तथा संत स्वभाव आदि की चर्चा है ।
- बरवै रामायण : इसमें 69 बरवै छंदों में रामकथा का वर्णन है ।
- पार्वती मंगल : इसमें 164 छंदों में शिव पार्वती के विवाह का वर्णन है ।
- जानकी-मंगल : इसमें 216 छंदों में राम का विवाह वर्णन है ।
- हनुमान-बाहुक : हनुमान बाहुक में हनुमान की स्तुति से संबंधित पद्यों का संग्रह है । इसकी रचना कवि ने अपनी पीड़ाग्रस्त बाहु की स्वस्थता की कामना से की है ।
- रामाज्ञा प्रश्न : इसमें सात सर्ग हैं । प्रत्येक सर्ग में सात-सात दोहों के सात सप्तक हैं । कुल मिलाकर इसमें 343 दोहे हैं । इसमें राम-कथा के बहाने शुभ-अशुभ शकुनों का विचार किया गया है ।
- रामचरितमानस : यह रामकथा सात खंड में विभाजित है । यह भक्तिकाल का सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ और महाकाव्य है ।
अच्छी जानकारी!
जवाब देंहटाएंit is "पागल ज्ञान" for people who are पागल but who are होशियार for them it is उपयोगी.
हटाएंबाबासाहेब 🔕🔕⚔️🚯🚯☣️♈
हटाएंWho are you pagal or hosir
हटाएंI think pagal
हटाएंबहुत सुन्दर! आपको और आपके परिवार को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंJai mahakal
हटाएंअच्छी जानकारी दी
जवाब देंहटाएंऔर जानकारी दे
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
जवाब देंहटाएंKavi parichay ke saat de to jaada achha
जवाब देंहटाएंThank you sir
जवाब देंहटाएंGood answer
जवाब देंहटाएंVery helpful
जवाब देंहटाएं😌
जवाब देंहटाएंNice shir
हटाएंSahi hai. Or koi knowledge chaiye toh mogse pouch lo.
जवाब देंहटाएंTalent bhot hai😜
I want
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जवाब देंहटाएंEkdam phaltu ghatiya sala phaltu hai yeh kachra abe hamse puch lete ham isse acha jankari de dete explanation hi nahi hai
Bhat ekdam phaltu
Thank u
जवाब देंहटाएंSamjhane ka tarika acha hai
जवाब देंहटाएंAccha laga
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी और सही जानकारी।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
कृपया रीतिकाल के विषय में संक्षिप्त जानकारी प्रदान करने की कृपा कीजिएगा प्रमुख लेखक व कृति भी।
जवाब देंहटाएंGjfbhcmydnbddbkguydtxhvlcit nhi vkalsp lsuglggulgawlhh. Evohqlqckw fqw. Fwlblwbcw
जवाब देंहटाएंDahhdcblh . .fghuduhpjjmjn..
हटाएंChcjl.
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ये कुछ समझ नहीं आ रहा है
हटाएंबहुत बढ़िया ज्ञानवर्धक जानकारी का भक्तिकाल का संग्रह
जवाब देंहटाएंNice
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