आधुनिक काल का काल विभाजन
इस ब्लॉग में अब तक आप हिंदी साहित्य के आदिकाल, मध्यकाल (भक्तिकाल) और उत्तर-मध्यकाल(रीतिकाल) के इतिहास को जान चुके हैं । हिंदी साहित्य का आधुनिक काल अपने पिछले तीनों कालों से सर्वथा भिन्न है । आदिकाल में डिंगल, भक्तिकाल में अवधी और रीतिकाल में ब्रज भाषा का बोल-बाला रहा, वहीं इस काल में आकर खड़ी बोली का वर्चस्व स्थापित हो गया । अब तक के तीनों कालों में जहां पद्य का ही विकास हुआ था,वहीं इस युग में आकर गद्य और पद्य समान रूप से व्यवहृत होने लगे । प्रतिपाद्य विषय की दृष्टि से भी इस युग में नवीनता का समावेश हुआ । जहां पुराने काल के कवियों का दृष्टिकोण एक सीमित क्षेत्र में बँधा हुआ रहता था, वहाँ आधुनिक युग के कवियों ने समाज के व्यवहारिक जीवन का व्यापक चित्रण करना शुरु किया । इसलिए इस युग की कविता का फलक काफी विस्तृत हो गया । राजनीतिक चेतना,समाज सुधार की भावना,अध्यात्मवाद का संदेश आदि विविध विषय इस काल की कविता के आधार बनते गए हैं ।
आधुनिक युग की विस्तृत कविता-धारा की रूप रेखा जानने के लिए उसे प्रमुख प्रवृत्तियों के आधार पर छ: प्रमुख भागों में बाँटा जा सकता है :-
1. भारतेन्दु युग ( सन् 1868 से 1902) ।
2. द्विवेदी युग (सन् 1903 से 1916) ।
3. छायावादी युग ( सन् 1917 से 1936) ।
4. प्रगतिवादी युग (सन् 1937 से 1943 ) ।
5. प्रयोगवादी और नवकाव्य युग ( 1944 से 1990 )।
6. उत्तर आधुनिक युग ( 1990 से आज तक) ।
यद्यपि आधुनिक काल का आरम्भ सम्वत 1900(सन्1843) से माना जाता है । किंतु आरम्भिक 25 वर्ष की कविता को संक्रांति युग की कविता कहा जा सकता है , क्योंकि इसमें रीतिकालीन श्रृंगारिक तथा भारतेंदु कालीन प्रवृत्तियों का समन्वय-सा दिखाई पड़ता है ।
अच्छी शुरुआत! इस कालखण्ड के विवरण के साथ शुरू से जुड़ सकूँगा.. और बहुत कुछ नया सीखने को मिलेगा!!
जवाब देंहटाएंHindi k pramukh kabi aur unki rachnaye
हटाएंअच्छी प्रस्तुति। आगे भी इंतज़ार रहेगा।
जवाब देंहटाएंमुझे भी इंतजार है
जवाब देंहटाएंमुझे भी इंतजार है ऐसे और इतिहास का
जवाब देंहटाएंमैं चाहता हूं आप एक ऐसा और इतिहास तैयार करें जो हिंदी के आरंभ से लेकर आधुनिक काल के अब तक का हो
I like above history
जवाब देंहटाएंRamchandra shukl ne aadhunik kaal ko kyea kaha hi
जवाब देंहटाएंVirgatha kaal khaha hai
हटाएंगद्य काल
हटाएंI doubt
जवाब देंहटाएंThanks ....for help on my seminar....
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा प्रस्तुतीकरण ।
जवाब देंहटाएंYe kal vibhajan kis sahityakar ne kiya h pls btaye
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंGalat hai
जवाब देंहटाएंBhai mene bhi blog suru kiya tha lekin ab likh pa rah hu time ki shortage hone ke karan lekin tum mat chodna lage rehna safalta milegi ek na ek din jarur. All the very best. I pray to God for your success.
जवाब देंहटाएंनई कविता और अकाविता युग कहा है क्यों नहीं बताएं है उसके बारे में
जवाब देंहटाएंI like bro
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