भारतेंदु युग के कवि और उनकी रचनाएँ
भारतेंदु युग (सन् 1868 से 1902) आधुनिक कविता का प्रवेश द्वार है।भारतेंदु हरिश्चंद्र ने कविता को रीतिकालीन दरबारी तथा शृंगार-प्रधान वातावरण से निकाल कर उसका जनता से नाता जोड़ा।इस युग के कविमंडल पर भारतेंदु जी के महान् व्यक्तित्व की गहरी एवं स्पष्ट छाप है।इस समय का काव्य चक्र भारतेंदु के व्यक्तित्व रूपी धुरी पर ही घुम रहा है।उन्होंने कवियों को दान व मान,दोनों से प्रोत्साहन दिया।उन्होंने बहुत से कवि-समाज स्थापित किए,जिनमें उपस्थित की हुई समस्याओं की पूर्ति में बड़ी उत्कृष्ट कविता की सृष्टि हुई।भारतेंदु युग की कविता में प्राचीन और आधुनिक काव्य-प्रवृत्तियों का समन्वय मिलता है।उसमें भक्ति-कालीन भक्ति भावना और रीतिकालीन शृंगार-भावना के साथ-साथ राजनीतिक चेतना,सामाजिक व्यवस्था,धार्मिक एवं आर्थिक शक्तियाँ,काव्य की विषय सामग्री को प्रभावित करने लगी।राजभक्ति,देश-प्रेम,सामाजिक व्यवस्था के प्रति दुख प्रकाश,सामाजिक कुरीतियों का खंडन,आर्थिक अवनति के प्रति क्षोभ,धन का विदेश की ओर प्रवाह,विधवा विवाह, विधवा-अवनति, बालविवाह,रुढ़ियों का खंडन एवं सामाजिक आन्दोलनों एवं स्त्री-स्वातंत्र्य की हिमायत आदि आधुनिक काव्य-प्रवृत्तियों के दर्शन हुए।हास्य और व्यंग्य तथा प्रकृति चित्रण में भी इस युग की कविता में विकास दिखाई पड़ता है। इस युग की कविता में देश और जनता की भावनाओं और समस्याओं को पहली बार अभिव्यक्ति मिली।कवियों ने सांस्कृतिक गौरव का चित्र प्रस्तुत कर लोगों में आत्म-सम्मान की भावना भरने का प्रयत्न किया।बहुत से संस्कृत महाकाव्यों का अनुवाद हुआ।इस युग में काव्य की भाषा ब्रजभाषा ही रही।यद्यपि खड़ी बोली में भी छुट-पुट प्रयत्न हुए,पर वे नगण्य ही थे।
इस युग के मुख्य कवि थे - भारतेंदु हरिश्चंद्र, बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन', प्रतापनारायण मिश्र, बालमुकुंद गुप्त, ठाकुर जगमोहन सिंह,अम्बिकादत्त व्यास,नवनीत लाल चतुर्वेदी,बाबू राधाकृष्णदास,लाला सीताराम बी.ए.,मिश्रबंधु, जगन्नाथदास 'रत्नाकर',राय देवीप्रसाद पूर्ण, वियोगी हरि, सत्यनारायण 'कविरत्न', श्रीनिवास दास,राधाचरण गोस्वामी,बालकृष्ण भट्ट आदि।
1. भारतेंदु हरिश्चंद्र की रचनाएँ : भारतेंदु के काव्य ग्रंथों की संख्या 70 है। काशी-नागरी-प्रचारिणी सभा ने इनका संकलन भारतेंदु ग्रंथावली(दो खंडों में) में किया है।इसमें से कुछ प्रमुख रचनाओं के नाम इस प्रकार हैं :-भक्त सर्वस्व, प्रेम-सरोवर,प्रेम-माधुरी,प्रेम-तरंग,सतसई-शृंगार,होली,वर्षा-विनोद,विजय-वल्लरी,मधुमुकुल, उत्तरार्ध,भक्तमाल,प्रेम-फुलवारी,दानलीला।
2.बद्री नारायण चौधरी 'प्रेमघन' की मुख्य काव्य रचनाएँ : जीर्ण जनपद, शुभ सम्मिलन काव्य, वर्षा बिंदुगान,संगीत सुधाकर, हार्दिक हर्षादर्शकाव्य।
3. अम्बिका दत्त व्यास की मुख्य काव्य रचनाएँ : पावन पचासा, बिहारीबिहार, चांद की रात।
4.जगन्नाथदास रत्नाकर की मुख्य रचनाएँ : हरिश्चंद्र, गंगालहरी,कलकाशी,उद्धवशतक, गंगावतरण।
बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है यहां। आगे भी प्रतीक्षा रहेगी इस विषय पर।
जवाब देंहटाएंबदरीनाथ चौधरी प्रेमघन
हटाएंप्रताप नारायण मिश्र
हटाएंBahut hi sundar treeke se prastut kiya h
हटाएंये छोटा पैकेट है ज्ञान का, भारतीय कविता के इतिहास का और आधुनिक काल के दरवाज़े का!! धन्यवाद मनोज जी! जारी रखिये!!
जवाब देंहटाएंItni gahrai se bata diya ki ek baar me grahn karna mushkil hai phir ek aakar padhoongi .gyaan ka bhandaar hai yahan .
जवाब देंहटाएंkafi rochak tathyon se mulakat ho rahi hai yahan par.
जवाब देंहटाएं--Mayank
अमूल्य जानकारी के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंKuch kuch kaviyo k sangrho ka abhav hai
जवाब देंहटाएंBhut bhut dhanybad
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंStudents ki liya yah kafi saral hai, books se jyda saral mujhe yah lag raha hai��
जवाब देंहटाएंMujhe jaankkari achhi lagi aur mera kaam bhi ho gya hai es website ki help se & thankyou
जवाब देंहटाएंThanks
जवाब देंहटाएंMujhe achi jankari mili thanks
जवाब देंहटाएंMast mitra thank you
जवाब देंहटाएंSuper blogger
जवाब देंहटाएंSuper blogger
जवाब देंहटाएंSuper blogger
जवाब देंहटाएंBhartendu ugh k kaviyo ne kavye ki atma kese swekar kiya
जवाब देंहटाएंAns pls
बालकृष्ण भट्ट निबंधकार नहीं है
जवाब देंहटाएंबालकृष्ण भट्ट भारतेन्दु युग के निबन्धकार हैं ।
जवाब देंहटाएंNice thanku
जवाब देंहटाएंJivani mei jo bhartendu yug hai uski explanation ka koi link krdo snd
जवाब देंहटाएंPlz jldi link krdo snd
हटाएंबहुत अच्छा
हटाएंBhut Gahri me hai. Today short me Thik hota
जवाब देंहटाएंGood website can help many people' s to know about history
जवाब देंहटाएंBahut badhiya
जवाब देंहटाएंThanks
जवाब देंहटाएंThanks mere quo ka ans dene ke liye thank you
जवाब देंहटाएंVary buti shiytia Etna Sundar h
जवाब देंहटाएं✌️✌️
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट प्रदर्शन जितना सोचा था उससे ज़्यादा पाया, धन्यवाद बूंद बूंद एवं गूगल भैया😘😘।
जवाब देंहटाएंउम्मीदों का सागर Google
जवाब देंहटाएंBahut hi sundar treeke se prastut kiya gaya hai sbkuch.
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