जैन धारा के मुख्य कवि और उनकी रचनाएँ

आदिकाल में निम्न चार धाराएँ मुख्यत: प्रवाहित रही :
  1. जैन धारा
  2. सिद्ध धारा
  3. नाथ धारा
  4. लौकिक धारा
आज हम जैन धारा के कवियों और उनकी रचनाओं की जानकारी प्राप्त करते हैं :
  1. स्वयम्भू : १.पउम चरिउ ,२.रिट्ठणेमि चरिउ, ३.पचाम चरिउ , ४.स्वयम्भू छंद
  2. पुष्पदंत : महापुराण, णायकुमार चरिउ, जसहर चरिउ, कोश ग्रंथ
  3. हेमचंद्र सूरी : कुमारपाल चरित, हेमचंद्रशब्दानुशासन
  4. मुनि राम सिंह :पाहुड़ दोहा
  5. जोइन्दु : परमात्म प्रकाश
  6. धनपाल धक्कड़ : भविसयत कहा, बाहुबलि चरित
  7. सोमप्रभ सूरी : कुमारपाल प्रतिबोध
  8. मेरुतुंग : प्रबंध चिंतामणि
  9. धर्म सूरी : जम्बू स्वामी रास, स्थूलिभद्र रास
  10. देवसेजमणि : सुलोचना चरिउ
  11. मुनि कनकाभर : करकंड चरिउ
  12. धवल : हरिवंश पुराण
  13. वरदत्त :बैरसामि चरिउ
  14. हरिभद्र सूरी : णाभिणाह चरिउ
  15. धाहिल : पउमसिरी चरिउ
  16. लक्खन : जिवदत्त चरिउ
  17. श्यधू : धन कुमार चरित

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

आपकी टिप्पणी का इंतजार है।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

प्रयोगवाद के कवि और उनकी रचनाएं

आदिकाल के प्रमुख कवि और उनकी रचनाएँ

छायावाद की प्रवृत्तियां