आदिकाल की लौकिक धारा के कवि और उनकी रचनाएँ
सिद्धों, नाथों एवं जैन कवियों के धार्मिक साहित्य से भिन्न अपभ्रंश साहित्य में एक धारा लौकिक साहित्य की भी है । इस धारा के कवियों में अब्दुर्रहमान और विद्यापति प्रमुख हैं । तो वहीं अमीर खुसरो ने पहेलियों, मुकरियों तथा दो-सखुनों की रचना की है, जिनमें कौतूहल तथा विनोद की दृष्टि होती है । लौकिक धारा के कवियों की प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार हैं :-
- अब्दुर्रहमान : संदेश रासक
- विद्यापति : कीर्तिलता, कीर्तिपताका
- कुशल लाभ : ढ़ोला मारु रा दूहा
- अमीर खुसरो : किस्सा चाहा दरवेश, खालिक बारी,
- दलपत विजय : खुमान रासो
- नरपति नाल्ह : बीसलदेव रासो
- शार्गंधर : हम्मीर रासो
- नल्ह सिंह भट्ट : विजयपाल रासो
- चंदबरदाई : पृथ्वी राज रासो
- जगनिक : परमाल रासो
बहुत-बहुत धन्यवाद, इतनी सारी जानकारी देने के लिए।
जवाब देंहटाएंदीपावली, गोवर्धन-पूजा और भइया-दूज पर आपको ढेरों शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएंजानकारी के लिए
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जवाब देंहटाएंगलत इंफॉर्मेशन क्यों देते हो
जवाब देंहटाएंइसमें बहुत रचनाएं रासो साहित्य की हैं